श्रम एवं विकास जून 2014
आर्टिकल्स :
निगोम्बम विक्टोरिया चानू और ओटोजित क्षेत्रीमयूम
सामाजिक लागत और श्रम उत्पादकता: श्रीलंकाई चाय उद्योग में यूटीजेड प्रमाणन और सतत व्यवसाय की स्थिति
-साजी एम कडाविल
'नैतिक अर्थव्यवस्था' पर दोबारा गौर करना: दक्षिण अफ़्रीकी सोने और कोयला खदानों पर खननकर्मी, 1951-2011
-धीरज कुमार नाइट और पॉल स्टीवर्ट
भारत के आधिकारिक प्रवचन में जाति और श्रम, 1942-52
-शिवांगी जयसवाल
कौशल सीखना, अनौपचारिक श्रम बाजार में पहचान पर बातचीत: महिला निर्माण श्रमिकों के अनुभव
-साक्षी खुराना
भारत में नई अर्थव्यवस्था: कार्य, श्रम और असमानता के बदलते आयाम
-मनोज कुमार जेना